- पुस्तक का परिचय:
“लोक प्रशासन के सिद्धांत” डॉ. मनमीत कौर, डॉ. वंदना शर्मा एवं डॉ. रमेश त्रिपाठी द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो बी.ए. तृतीय वर्ष, पेपर 1, पांचवां सेमेस्टर के राजनीति शास्त्र के छात्रों के लिए अनिवार्य है। यह पुस्तक प्रगति पब्लिकेशन, मेरठ द्वारा प्रकाशित की गई है और 2023 में इसका प्रथम संस्करण आया है। इस पुस्तक में कुल 120 पृष्ठ हैं। - लेखक परिचय:
डॉ. मनमीत कौर, डॉ. वंदना शर्मा और डॉ. रमेश त्रिपाठी तीनों ही प्रख्यात शिक्षा विशेषज्ञ हैं। उनकी लेखनी में गहरी समझ और विवेचना देखने को मिलती है। इस पुस्तक में उन्होंने लोक प्रशासन के महत्वपूर्ण पहलुओं को सरल और सुस्पष्ट भाषा में प्रस्तुत किया है। - पाठ्यक्रम के अनुसार:
यह पुस्तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप है, जो छात्रों को लोक प्रशासन के विभिन्न सिद्धांतों और दृष्टिकोणों से परिचित कराती है। - प्रमुख विषय:
- लोक प्रशासन की परिभाषा और महत्व
- प्रशासन के सिद्धांत और मॉडल
- प्रशासनिक संगठन और उनके कार्य
- प्रशासन में नैतिकता और पारदर्शिता
- समकालीन प्रशासनिक चुनौतियाँ और समाधान
- छात्रों के लिए उपयोगिता:
यह पुस्तक छात्रों को न केवल पाठ्यक्रम के अनुसार तैयारी करने में सहायक है, बल्कि उनके विचारों को भी समृद्ध करती है। इसके माध्यम से वे प्रशासनिक सिद्धांतों का गहन अध्ययन और विश्लेषण करना सीखते हैं। - अध्ययन सामग्री का महत्व:
“लोक प्रशासन के सिद्धांत” छात्रों के लिए एक अद्वितीय स्रोत है जो उन्हें लोक प्रशासन की व्यापक समझ प्रदान करती है। यह पुस्तक विशेष रूप से विश्व विद्यालयी छात्रों के लिए तैयार की गई है और उनकी परीक्षा की तैयारी में अत्यधिक सहायक सिद्ध होती है।
इस प्रकार, “लोक प्रशासन के सिद्धांत” पुस्तक बी.ए. तृतीय वर्ष के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण पाठ्य सामग्री है जो उनकी शैक्षणिक यात्रा को समृद्ध करती है और उन्हें प्रशासनिक अध्ययन के क्षेत्र में एक मजबूत नींव प्रदान करती है।
कुंजी शब्द:
- लोक प्रशासन के सिद्धांत
- डॉ. मनमीत कौर
- डॉ. वंदना शर्मा
- डॉ. रमेश त्रिपाठी
- प्रगति पब्लिकेशन
- एनईपी 2020
- बी.ए. तृतीय वर्ष
- प्रशासनिक सिद्धांत
- समकालीन प्रशासन
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